बच्चे की हँसी


गोधूलि बेला
दिनभर
काले बादल के पीछे छुपे
पूनम की चाँद
बाहर निकल रही है .
स्कूल के बच्चे
पीठ पर बस्ता लादे
लौट रहे है .
दाने की खोज में
सुबह से निकले
पंक्षियों का दल
पकी धान खेत के उपर
हाँसिया बनकर
लौट रहे है आपने घोषलें.
पुरे दिन
हाड़तोड़ मेहनत के बाद
घर के पिछवाड़े की
पनघट में
गोद में बच्चा लेकर
इंतजार में है
एक औरत
आपने पति की .
ठीक,उस समय
पूनम की चाँद उतरती है
और बच्चे की गाल को
चूमती है .
इसीलिए तो बच्चा
माँ की निप्पल छोड़कर
खिलकर हँसती है .


@ चंद्र मोहन किस्कू

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