Move forward


बढ़ता चल ऐ मुसाफिर चलता चल,
जिंदगी के सफर में आगे बढ़ता चल।
चलता चल ............
राह में फूल आये या शूल,बढ़ता चल,
ठहर न कभी तुफानो के डर से,बढ़ता चल।
आँधियाँ कश्तियों को पर लगाएंगी,बढ़ता चल,
राह कैसी भी हो सफर मजे से कर,बढ़ता चल।।
चलता चल ......…......
मत हार अधूरी राह  पर, बढ़ता चल,
होश संवार, हो सवार, बढ़ता चल।
अपने अंतर्मन को निखार, बढ़ता चल,
आँखों को आशा की दे पसार,बढ़ता चल।।
चलता चल.................
अपने अंतर्मन से खुद को पुकार,बढ़ता चल,
आएगी एक दिन तेरी भी जिंदगी में बहार, बढ़ता चल।
मुश्किलों को दे राहों में पछार,बढ़ता चल,
कर ले आजमाइश,दिल से दिल को पुकार,बढ़ता चल।।



Written_by_ANIL_KUMAR_निश्छल

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