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वक्त को भुनाया करो
ईर्ष्या
मुक्तक
दुआ
चिड़िया रानी
शायद यही होना था
दोहे
गजल
क्यों नहीं मिलते
हमे तुमसे प्यार कितना
मेरे नैना सावन भादो
क्यों नहीं मिलते
तवायफ़
"मिट्टी के दिए जलाएँ"
बाल कविता- "चिड़िया रानी"
कुछ अच्छा सा
कुछ ऐसा भी करो तो बात बने
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