नौजवान/नौजवां
विकाश यादव "विजेता"
क्या मैं बताऊं तुम्हें ,के तुम मुझे कहां ले चलो
हो प्यार का मंदिर कोई, तो तुम मुझे वहां ले चलो
एक तरफ मैखाने कई
एक तरफ मंदिरों का हुजूम
ऐ मेरे देश के नौजवान
मंदिरों के तरफ बढ़ चलो
ऐ मेरे शहर की लड़कियों
इतना भी बेअदब ना बनों
अपनी मर्जी के इस दौर में
ये दुपट्टा सम्भाले चलो
ये मतलब का संसार है
यहां पर तेरा कोई नहीं
खुद के पैरों में ताकत बना
तुम सफर में अकेले चलो
इतना जल्दी भी हिम्मत ना हार
तु किसी से कम तो नहीं
ये दुनिया पीछे रह जायेगी
सफर तुम शुरू तो करो
विकाश यादव'विजेता'
गाजीपुर उत्तर-प्रदेश
मों-9696062734
0 Comments