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तुम मेरी ग़ज़ल बन जाओ
ग़ज़ल
मातृभूमि-प्रतियोगिता हेतु
प्रतियोगिता -मातृभूमि
मेरा यार
मेरा भोला भंडारी
मैं योगिराज क्यों?
पापा की याद
घर अपना चलाता हूँ
वो हैं बड़े
कलम
मुझे मेरी ग़रीबी पसंद है
कुटिल बुढ़ापा
कुछ नया करते हैं
फागुन गीत
राम नाम सत्य है
गीत
नौजवान/नौजवां
गीत
बच्चे की हँसी
मिट्टी के दिये जलाएँ
Maa Meri
मजदूर
तोताराम
मंजिलें ऐसे ही नहीं मिलीं
क़ीमत तय नहीं करनी पड़ती
कुछ तो है
परिवर्तन सतत है!!
यहाँ औरत होना गुनाह है शायद!!!
असली कुम्भकार पिता
आसमान
छोड़ो भी
मुश्किलें न हरा पायेंगी
नफ़रत मत बाँटो
तोताराम
मिलाते रहिये
जिसका हक उसको नहीं
नफ़रतें बोना छोड़ दो
ग़ज़ल
दोहा ग़ज़ल
ग़ज़ल
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