तुम मेरी ग़ज़ल बन जाओ,मैं तुम्हे ज़िन्दगी भर गाता रहूँ,
तुम मेरे आग़ोश में सो जाओ,मैं तुम्हें नींद से जगाता रहूँ,
नयनों में आकर ऐसे बस जाना, ख़्वाब देखूँ तो तेरा ही देखूँ,
मैं तुम्हें ख्वाबों में हर रात सीने से अपने लगाता रहूँ,
जन्मो-जन्मों की प्यास है,भला सिर्फ पानी से कैसे बुझ जाएगी,
तुम मेरी मधुशाला बन जाना, मैं होंठो से जाम यूँ ही छलकाता रहूँ,
प्रेमबाबू की कलम से
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