वो आएगी जरूर

**तुम्हारे कदमों की आहट पाकर
अचल भूधर भी कांप उठेंगे
जिधर चल देगा तूं दृढ़ निश्चयी बन
दुश्मन भी तेरे ओजस्वी व्यक्तित्व को भांप उठेंगें
इन तूफ़ानों की क्या बिसात जो तुझको डिगा सकें
तुझको देखते ही दबे पांव भाग उठेंगें
आँधियाँ भी आएंगी तेरे हौसलों को तोड़नें तेरे पराक्रम सम्मुख अपना दम तोड़ उठेंगें
दिल छोटा मत किया कर अपने दुश्मन के सामने
तेरी गर्जना से ही वो भययुक्त हो उठेंगें
आए जब भी कोई तुझसे दो-दो हांथ आजमाने
देना एक ही पंच ऐसा कि चारों खाने वो चित हो उठेंगें

हौसलों को उड़ान भरने दिया कर "निश्छल"
पंख फैलाकर खुले आसमान में उड़ने दियाकर
गिरेगा तभी तो चलना, दौड़ना सीखेगा
वरना दिल के सारे अरमां
दिल में ही दफ़न हो उठेंगें

BY-ANIL KUMAR "निश्छल"*

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