दिनाँक-03/11/2018
फुदक-फुदक कर चिड़िया रानी
कहाँ-कहाँ तुम जाती हो
उछल-उछल कर दाने खाकर
फुर्र-फुर्र उड़ जाती हो
माँ-माँ कहकर बच्चे जब
प्यार से तुम्हें बुलाते हैं
झटपट-झटपट दौड़ लगाकर
पास उनके आ जाती हो
छोटे-छोटे पंखों से तुम
आसमाँ में परवाज भरो
प्यारी-प्यारी आँखें औ सूरत
"निश्छल" को तुम भाती हो
कभी-कभी देख गुलों को
मंद-मंद मुस्काती हो
ठंडी-ठंडी मदमस्त हवा में
मीठा-मीठा गाती हो
तेज हवा में भी तुम उड़ो
कभी न फिर घबराती हो
बाधाओं से लड़कर जीतना
अक्सर हमें सिखलाती हो
©अनिल कुमार "निश्छल"
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