Maa Meri

MaaMeri


ममता की भली मूरत है माँ मेरी
कितनी खूबसूरत है? ये माँ मेरी

सारी बलाएँ  लेती है माँ मेरी
कितनी दुवाएँ देती है? माँ मेरी

नम आंखें जो हो कभी मेरी
अश्कों को चुरा लेती माँ मेरी

चाहे दिल मेरा कब और क्या
सारी ख्वाहिशें लुटा देती माँ मेरी

छुवन पे दवा की जरूरत नहीं
सारे दर्द मिटा देती है माँ मेरी

धोखे खाऊं जब भी जहां कभी
आँचल में पनाह देती है माँ मेरी

मुझे देख जब हंसती है माँ मेरी
दिल में सूरत रखती है माँ मेरी

साये पे सदा ही रहना मैं चाहूँ
सारे जख्मों की दवा है माँ मेरी

स्वरचित

अनिल कुमार
"निश्छल"

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