क़ीमत तय नहीं करनी पड़ती



कीमत तय नहीं करनी पड़ती

कीमत किस चीज की क्या है, कितनी होगी
ये हमको नहीं सब बाजार को तय करना है

फ़तेह किसकी होगी फ़ैसला किसके हक़ में होगा
ये हमको नहीं सब तलवार को तय करना है

कौन-सा पद किसको और कब मिलेगा
ये हमको नहीं सब सरदार को तय करना है

आप रसूखदार हो या मस्तमौला फ़क़ीर हो
ये हमको नहीं सब परिवार को तय करना है

आप क्या थे,क्या हो, क्या हो जाओगे आगे
ये हमको नहीं सब संसार को तय करना है

कब कहाँ जायेंगें और क्या मुकर्रर है काम
ये हमको नहीं सब इतवार को तय करना है

कश्ती  किस दिशा में करेगी कितना सफ़र
ये हमको नहीं सब पतवार को तय करना है

अनिल कुमार "निश्छल"

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